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खनिज संपदाओं की लूट
भारत में खनन का इतिहास लगभग ६ हजार वर्ष पुराना है। आज़ादी के बाद राष्ट्र निर्माण और औद्योगिक विकास के लिए खनिजों की महत्ता सामने आयी तो सरकार ने इस ओर ध्यान दिया। १९५६ में जब औद्योगिक नीति का प्रस्ताव रखा गया तो उद्योगों के लिए खनिजों की भारी ज़रूरत महसूस की गयी। कोयला सबसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ था। अधिक पढ
कृषि : सब्सिडी की लूट
प्राइमरी से लेकर उच्च कक्षाओं तक यह पढ़ाया जाता रहा है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। जाहिर है कि कृषि प्रधान होने के नाते देश में किसानों की संख्या भी अधिक है, जिनके कंधों पर देश के हर नागरिक को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का बोझ है। किसान यह बोझ उठता भी बड़ी ख़ुशी से है। साल के बारहो महीने ठिठुरते हुए, भीगते हुए और भयंकर अधिक पढ
जल है तो कल है
जल जीवन का आदि स्रोत है। यह निर्विवाद रूप से स्थापित सत्य है कि जीवन की उत्पत्ति जल में ही हुई है और यह तथ्य भी प्रमाणित है कि विश्व की सभी सभ्यताओं का उद्भव और विकास नदियों के किनारे ही हुआ। इसीलिए नदियों को जीवन रेखा कहा जाता है। अपने विशेष गुण-धर्म के कारण जल धरती पर अस्तित्व की कुंजी रहा है। अधिक पढ
भारत का सबसे भ्रष्टतम विभाग है
भारत में पिछले २० वर्षों से प्रकितिक संसाधनों की जो लूट मची है, इस लूट के पीछे देश के पर्यावरण और पदूषण नियंत्रण बोर्ड का सबसे बड़ा हाथ है। भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का खुला खेल देखना हो तो इस विभाग के दस्तावेजों का अध्ययन किया जा सकता है। भोपाल गैस त्रासदी के पश्चात इस विभाग के अधिकारों का दायरा अधिक पढ
भारत का भ्रष्ट चिकित्सा तंत्र
हिमाचल प्रदेश में 38 वर्षों तक अपनी सेवाएं देने वाले, आस्ट्रेलियाई मूल के एक डाक्टर डेविड वर्जर ने भारतीय चिकित्सा तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और यहाँ के चिकित्सकों की संवेदनहीनता को बयान करते हुए अपनी एक पुस्तक में लिखते हैं कि भारत में 40 से 50 प्रतिशत तक मेडिकल टेस्ट बेवज़ह कराये जाते हैं, जबकि 20 प्रतिशत बड़ा आपरेशन अधिक पढ
देश की चिकित्सा प्रणाली
भारत की चिकित्सकीय प्रणाली का आधारभूत ढांचा और और डॉक्टरों की पेशागत निष्ठा तथा में जरा भी अंतर नज़र नहीं आता। दोनों ही संवेदनहीन और गरीब आदमी की पहुँच से बहुत दूर। किसी जानलेवा गंभीर रोग से ग्रस्त एक गरीब आदमी मर तो सकता है लेकिन एम्स या अपोलो जैसे अत्यधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त किसी अस्पताल में अधिक पढ
शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार : एक गंभीर चुनौती
भारत में भ्रष्टाचार मूर्त्त और अमूर्त्त दोनों ही रूपों में नज़र आता है। यहाँ भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हैं कि शायद ही कोई क्षेत्र इससे बचा हो। सबसे पवित्र माना जानेवाला शिक्षा का क्षेत्र भी भ्रष्टाचार का प्रमुख केंद्र बन गया है। पिछले १५ वर्षों से भारत में शिक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त घोटाले और भ्रष्टाचार हुए हैं। अधिक पढ
बढ़ती ट्रैफिक समस्या : कारण और निवारण
पिछले 20 बरसों से देश में जिस तेजी से गुणवत्ता पूर्ण सड़को के निर्माण हो रहे हैं, जिस तेजी से विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों तक में गुणवत्ता पूर्ण सडकों का जाल बिछा है, दिल्ली, मुम्बई, बंगलौर, हैदराबाद, चेन्नई अदि महानगरों से देश का हर जिला यमुख्यलाय यहाँ तक कि एक छोटा सा गांव भी सड़क अधिक पढ
भारत का पर्यटन विभाग
किसी भी देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करने का सबसे प्रमुख स्रोत उस देश का पर्यटन उद्योग है। इस लिहाज से पर्यटन विभाग को देश का सबसे कमाऊ पूत कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। हमारे देश भारत में पर्यटन के जितने विशाल क्षेत्र हैं, संभवतः दुनिया के किसी एक देश में उतने नहीं हैं। अधिक पढ