ओ पी अग्रवाल
संक्षिप्त परिचय

स्वच्छ भारत, समृद्ध भारत और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के चाहनेवाले ओ पी अग्रवाल का जन्म राजस्थान की वीरभूमि मेवाड़ के उदयपुर जनपद के एक गाँव में हुआ। सच्चाई और ईमानदारी का गुण माँ से पाया तो स्वाभिमान, मानवता और नैतिकता का पाठ इन्होंने अपने पिता से सीखा। बड़े भाई की आयल मिल में व्यावसायिक गुर सीखने के उपरांत महज 18 वर्ष की आयु में ही जीवन के समर में कूद पड़े। 1970 में अपने गृह जनपद में सिनेमाघर खोला, लेकिन असामाजिक तत्वों के सड़क छाप कारनामों के कारण उनसे उलझना ठीक न समझते हुए उसे बंद कर दिया।

इससे पूर्व राजस्थान में पड़े अकाल के दौरान पंजाब से गेहूँ का भूसा ट्रकों में भरकर न लाभ न हानि की तर्ज़ पर गौ सेवा के उद्देश्य से राजस्थान में जगह-जगह पहुँचाया। 1972 में फर्टिलाइज़र ट्रेडिंग का व्यवसाय प्रारम्भ किया, लेकिन इसे भी 1975 तक आते-आते नुकसान होने पर बंद कर देना पड़ा।

मई 1977 में पुत्री के जन्म के दिन ही महज 11 रूपये लेकर घर से जो निकले तो फिर हवा में उड़ते पत्ते की तरह तकदीर का बहाव जिधर ले गया बहते गये। जिंदगी अपना पाठ पढ़ाती रही। इन्होंने जो भी सीखा जिंदगी से ही सीखा। संघर्ष के दिनों में भी इन्होंने विरासत में मिले अपने स्वाभिमान, ईमानदारी आदि सद्गुणों का दामन नहीं छोड़ा। यही कारण था कि 1996 तक आते-आते एक दूसरे से बिलकुल भिन्न विभिन्न प्रकार के उत्पादों वाली कुल १५ फैक्ट्रियों के मालिक बने, जिसमें हिंदुस्तान एग्रो केमिकल्स लिमिटेड जैसी अति प्रतिष्ठित कंपनी भी शामिल थी। और ओ पी अग्रवाल देश भर में एक प्रतिष्ठित नाम बन गया।

1735 कर्मचारियों और अधिकारियों से भरी हिंदुस्तान एग्रो केमिकल्स लिमिटेड कंपनी को 'देश का गौरव' के ख़िताब से भी नवाज़ा गया। अपने समय की इस अति प्रतिष्ठित कंपनी पर देश के तीन ऐसे गिद्धों की नज़र गड़ी थी, जिनके मुँह में रिश्वत और काली कमाई का खून लगा हुआ था। ये तीनों प्रजातंत्र के मुख्य तीन स्तंभ के प्रमुख लोगों में से थे। इनसे भी रिश्वत की मांग की गयी। एक ईमानदार और राष्ट्रभक्त शख्स जो कर सकता था, इन्होंने भी वही किया। परिणाम स्वरुप कंपनी बंद करवा दी गयी। तब से भ्रष्टाचार के विरुद्ध इन्होंने एक अभियान चला रखा है। सुप्रीम कोर्ट के कुछ अति वरिष्ठ वकील और देश भर में अपने-अपने क्षेत्र के कुछ अति विशिष्ट लोगों के सहयोग से इन्होंने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ बुलंद कर रखी है। इनके इस प्रयास से भ्रष्टाचार के कुछ बड़े मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित भी पड़े हुए हैं। इसी कारण ये इन भ्रष्टाचारियों की आँख की किरकिरी भी बने हुए हैं।

समाजसेवा के क्षेत्र में भी ओ पी अग्रवाल ने कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं। मुख्य रूप से मुबई के नेपियन्सी रोड पर समुद्र से लगे प्रियदर्शिनी पार्क में 800 वृक्ष इन्होंने लगवाये, जिसके कारण इस पार्क की शोभा बहुत बढ़ गयी। आज इस पार्क की गिनती मुम्बई के सुन्दरतम पार्कों में की जाती है।

'भ्रष्टाचार मुक्त भारत' महज़ एक संस्था या संगठन ही नहीं है, अपितु यह एक वैचारिक अभियान है जिसका उद्देश्य भारत से भ्रष्टाचार को जड़-मूल से उखाड़ फेंकना है। इस वैचारिक अभियान में वे सभी लोग आहूत हैं जो स्वच्छ भारत, समृद्ध भारत के चाहनेवाले हैं। एक विशाल अति विशाल समूह खड़ा करने में हमें आपका समर्थन और प्रोत्साहन चाहिए, भारत को समृद्ध बनाने के लिए। भारत समृद्ध तभी होगा जब भारत से भ्रष्टाचार समाप्त होगा। आपकी क्या राय है ?